Wednesday 4 September 2013

जिन्दगी तुझको हमने देखा है ....................

जिन्दगी तुझको हमने  देखा है 
तू नहीं कुछ ,। हसीन धोखा है 
 
 
दूर तक फैले घने सन्नाटे ,
जख्म कितना हमी पे बीता है 
तेरी नाज़ुक मिजाज बाँहों में 
सख्त रहना तुझ ही  से सीखा है 
 
बस तेरी कुछ यकीन बातो पर 
हमने कितनी लकीर खीचा है 
तेरे दामन में लिपटे अंगो से 
जख्म जिगर ऐ लहू से सींचा है 
 
तू  तो कहती थी बस तेरी खातिर 
मेरा हर पल ही रोते बीता है 
तुझसे महफूज कितने मैखाने 
सबने हँसना वही से सीखा है 
 
तेरी कुछ धूप छाँव की बातें 
करके ठगना तेरा तरीका है 
जिन्दगी तुझको हमने  देखा है 
तू नहीं कुछ ,। हसीन धोखा है